गुरुवार, दिसंबर 08, 2005

इंसानी दिमाग पर थोड़ा प्रकाश

काफी समय से विश्व में अलग‍ अलग स्थानों पर इंसानी दिमाग और उसकी क्रिया विधि पर
शोध चल रहा है। हमारा दिमाग कैसे स्मृति बनाता है, कैसे उसे सालों तक सहेज कर रखता है, कैसे सबको आपस में जोड़ के रखता है जैसे प्रश्न अभी भी वैग्यानिकों के लिए अनुसंधान के विषय हैं। अभी दो‍ या शायद तीन दिन पहले, MSN के सेहत एवम् तंदुरूस्ती वाले भाग में इसी पर एक रोचक लेख पढा। शीर्षक हैः "10 mysteries of the mind revealed"। यह लेख जरूर पढें और जाने अपने दिमाग के रहस्यों को। कुछ रोचक तथ्य अपको मालूम पड़ेंगे, जैसे की स्मृति कैसे बनती है, मदिरा कैसे दिमाग पर असर करती है, स्मृति खोना क्या होता है और हम यह तो भूल जाते हैं की अपना चाबी का गुच्छा कहाँ रखा था, लेकिन साईकिल चलाना कभी क्यों नंही भूलते ?
सबसे मजेदार है "मदिरा स्मृति पर कैसे असर करती है?" की व्याख्या। शोधकर्ता का कहना है की जब हमारा दिमाग किसी विशेष अवस्था में, जैसेकि, नशे में धुत्त होकर, encode करता है तो उसे याद करने के लिए दिमाग को वापस उसी अवस्था में जाना पड़ेगा। मतलब यह की अगर आपने नशे में धुत्त होकर कुछ किया था और अब भूल गये हैं की आपने क्या किया था, तो फिर इंतजार काहे का? फटाफट से दोबारा धुत्त हो जाइये और फिर याद करने की कोशिश कीजिए। चलिए तो फिर अबसे पीनेवालों का पीना जायज हो गया या फिर यूँ कहिये की पीनेवालों को पीने का एक और बहाना मिल गया। इसे कहते हैं "काम की रिसर्च"। क्या इस बारे में मद्यत्यागी (teetotaler) मित्रगण कुछ कहना चाहेंगे ?